कभी आँखों के इशारों से बातें होती थीं और कभी पत्र लिख कर दिल की बातों का इज़हार किया करते थे प्रेमी। कभी आँखों के इशारों से बातें होती थीं और कभी पत्र लिख कर दिल की बातों का इज़हार ...
पर जीवन को सुनाने के लिये बोलती “नालायक है”। पर जीवन को सुनाने के लिये बोलती “नालायक है”।
"मेरी प्रिये पत्नी जी,आपका यूँ खफा होना मुझे रास नहीं आता है ~! "मेरी प्रिये पत्नी जी,आपका यूँ खफा होना मुझे रास नहीं आता है ~!
पर ये तो खुद के लिखे प्रेम पत्र पर भी अपना नाम न लिखें। पर ये तो खुद के लिखे प्रेम पत्र पर भी अपना नाम न लिखें।
तुम्हारा पत्र तुम्हारा पत्र
कितना कुछ है कहने को, कितना कुछ है लिखने को, कितना कुछ , वो सब, जो मैं कभी तुमसे कह नहीं पाई वो सब ... कितना कुछ है कहने को, कितना कुछ है लिखने को, कितना कुछ , वो सब, जो मैं कभी तुमस...